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गुरुवार, 1 जनवरी 2015

dr. rajendra prasad

स्मरण:
३ दिसम्बर को देश के प्रथम रास्ट्रपति चित्रांश डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी का, सच्चे देश भक्त चित्रांश श्री खुदीराम बोस का, के.पी.ट्रस्ट के संस्थापक चित्रांश श्री मुंशी कालीप्रशाद कुलभास्कर जी का जन्म दिन है. तीन महान कायस्थ विभुतियो का जनम दिन एक ही दिन अंतरराष्ट्रिय चित्रांश के रूप में अवश्य मनाये !
डॉ. राजेंद्र प्रसाद

जन्मदिन / डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद (3 दिसम्बर)
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भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न बाबू राजेन्द्र प्रसाद का जन्म बिहार के छपरा जिले के गाँव जीरादेई के कायस्थ परिवार मे हुआ था। उनके दादा हथुआ रियासत के दीवान थे। पिता महादेव सहाय संस्कृत एवं फारसी के विद्वान थे सो बचपन मे उन्होने एक मौलवी साहब को बालक राजेन्द्र को फारसी सिखाने पर लगा दिया। छपरा के जिला स्कूल , पटना की टी० के० घोष अकादमी मे पढाई के बाद 1902 में उन्होंने कोलकाता के प्रसिद्ध प्रेसिडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया। 1915 में उन्होंने स्वर्ण पदक के साथ विधि परास्नातक की परीक्षा पास की और लॉ मे डॉक्ट्रेट किया। वे अंग्रेजी, हिन्दी, उर्दू, फ़ारसी व बंगाली गुजराती भोजपुरी , संस्कृत आदि अनेक भाषाओं का ज्ञान था । भारत मित्र, भारतोदय, कमला आदि में उनके लेख छपते थे। उन्होंने हिन्दी के “देश” और अंग्रेजी के “पटना लॉ वीकली” समाचार पत्र का सम्पादन भी किया था। चम्पारण में गान्धीजी के तथ्य अन्वेषण समूह मे वे प्रमुख थे । भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष चुने गये। संविधान निर्माण मे उनकी भूमिका इतनी अधिक थी कि भारतीय संविधान उन्हे पूरा याद हो गया था। उन्होने अपनी आत्मकथा, बापू के कदमों में , इण्डिया डिवाइडेड , सत्याग्रह ऐट चम्पारण आदि अनेक पुस्तकों की रचना की थी । सितम्बर 1962 में राष्ट्रपति पद से अवकाश ग्रहण करते ही राष्ट्र ने उन्हें "भारत रत्न" की सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान से सम्मानित किया। उनके जीवन का अंतिम पड़ाव पटना का सदाकत आश्रम था, जहां पर 28 फ़रवरी 1963 को उनकी मृत्यु हुई।

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