लघु कथा
समय का फेर
संजीव
*
गुरु जी शिष्य को पढ़ना-लिखना सिखाते परेशां हो गए तो खीझकर मारते हुए बोले- ' तेरी तकदीर में तालीम है घ नहीं तो क्या करुँ? तू मेरा और अपना दोनों का समय बरबाद कार रहा है. जा भाग जा, इतने समय में कुछ और सीखेगा तो कमा खायेगा.
गुरु जी नाराज तो रोज ही होते थे लेकिन उस दिन चेले के मन को चोट लग गयी. उसने विद्यालय आना बंद कर दिया, सोचा 'आज भगा रहे हैं. ठीक है भगा दीजिये, लेकिन मैं एक दिन फ़िर आऊंगा... जरूर आऊंगा.
गुरु जी कुछ दिन दुखी रहे कि व्यर्थ ही नाराज हुए, न होते तो वह आता ही रहता और कुछ न कुछ सीखता भी. धीरे-धीरे. गुरु जी वह घटना भूल गए.
कुछ साल बाद गुरूजी एक अवसर पर विद्यालय में पधारे अतिथि का स्वागत कर रहे थे. तभी अतिथि ने पूछा- 'आपने पहचाना मुझे?
गुरु जी ने दिमाग पर जोर डाला तो चेहरा और घटना दोनों याद आ गयी किंतु कुछ न कहकर चुप ही रहे.
गुरु जी को चुप देखकर अतिथि ही बोला- 'आपने ठीक पहचाना. मैं वही हूँ. सच ही मेरे भाग्य में विद्या पाना नहीं है, आपने ठीक कहा था किंतु विद्या देनेवालों का भाग्य बनाना मेरे भाग्य में है यह आपने नहीं बताया था.
गुरु जी अवाक् होकर देख रहे थे समय का फेर.
*****
समय का फेर
संजीव
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गुरु जी शिष्य को पढ़ना-लिखना सिखाते परेशां हो गए तो खीझकर मारते हुए बोले- ' तेरी तकदीर में तालीम है घ नहीं तो क्या करुँ? तू मेरा और अपना दोनों का समय बरबाद कार रहा है. जा भाग जा, इतने समय में कुछ और सीखेगा तो कमा खायेगा.
गुरु जी नाराज तो रोज ही होते थे लेकिन उस दिन चेले के मन को चोट लग गयी. उसने विद्यालय आना बंद कर दिया, सोचा 'आज भगा रहे हैं. ठीक है भगा दीजिये, लेकिन मैं एक दिन फ़िर आऊंगा... जरूर आऊंगा.
गुरु जी कुछ दिन दुखी रहे कि व्यर्थ ही नाराज हुए, न होते तो वह आता ही रहता और कुछ न कुछ सीखता भी. धीरे-धीरे. गुरु जी वह घटना भूल गए.
कुछ साल बाद गुरूजी एक अवसर पर विद्यालय में पधारे अतिथि का स्वागत कर रहे थे. तभी अतिथि ने पूछा- 'आपने पहचाना मुझे?
गुरु जी ने दिमाग पर जोर डाला तो चेहरा और घटना दोनों याद आ गयी किंतु कुछ न कहकर चुप ही रहे.
गुरु जी को चुप देखकर अतिथि ही बोला- 'आपने ठीक पहचाना. मैं वही हूँ. सच ही मेरे भाग्य में विद्या पाना नहीं है, आपने ठीक कहा था किंतु विद्या देनेवालों का भाग्य बनाना मेरे भाग्य में है यह आपने नहीं बताया था.
गुरु जी अवाक् होकर देख रहे थे समय का फेर.
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1 टिप्पणी:
समय के आगे सभी बौने हैं.
ये सिद्ध बात है. कम शब्दों में सम्पूर्ण कथा प्रस्तुति के लिए आपका धन्यवाद!
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